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किसने किया? - &
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अलबोर्ज़ अज़ार ने अपनी किताबों की श्रृंखला के पहले भाग, "किसने किया" को पन्त्तेआ (लाना) को समर्पित किया है। पन्त्तेआ (अज़ार कि एश्घम), जिसने कि लाना बन कर उसे अपने संस्मरण को लिखने की और दुनिया के साथ बांटने की प्रेरणा दी, जिसके बाद अज़ार ने मार्च २०१८ कि एक घटना के बाद इस कहानी को लिखना शुरू कर दिया। हालांकि, अज़ार को मालूम था कि उसे लाना कि उपस्तिथि को चकाचौंध से दूर रखना होगा, क्यूंकि उसे अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को निजी रखना पसंद था। मगर उसे लगा कि जो प्यार वह उसके लिए महसूस करता है, वह एक अविश्वसनीय घटना थी, जो कि काग़ज पर उतारने काबिल थी। एकलौती शक्स जिसे अलबोर्ज़ पन्त्तेआ से ऊपर रखता है,…mehr

Produktbeschreibung
अलबोर्ज़ अज़ार ने अपनी किताबों की श्रृंखला के पहले भाग, "किसने किया" को पन्त्तेआ (लाना) को समर्पित किया है। पन्त्तेआ (अज़ार कि एश्घम), जिसने कि लाना बन कर उसे अपने संस्मरण को लिखने की और दुनिया के साथ बांटने की प्रेरणा दी, जिसके बाद अज़ार ने मार्च २०१८ कि एक घटना के बाद इस कहानी को लिखना शुरू कर दिया। हालांकि, अज़ार को मालूम था कि उसे लाना कि उपस्तिथि को चकाचौंध से दूर रखना होगा, क्यूंकि उसे अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को निजी रखना पसंद था। मगर उसे लगा कि जो प्यार वह उसके लिए महसूस करता है, वह एक अविश्वसनीय घटना थी, जो कि काग़ज पर उतारने काबिल थी। एकलौती शक्स जिसे अलबोर्ज़ पन्त्तेआ से ऊपर रखता है, वह है उसकी बीवी रोज़हां यह किताब, पन्त्तेआ (इस वक़्त ४१ साल) और अलबोर्ज़ (इस वक़्त ६६ साल) कि असली कहानी से प्रेरित है। उनके इस सफर में, अलबोर्ज़ ने जाना कि पन्त्तेआ प्यार में विश्वास नहीं रखती है, फिर भी किसी तरह, उसने उसे यह सबक सिखा दिया कि वह जिसे प्यार समझता है, वह किसी की बिना किसी शर्त के परवाह करने जैसा नहीं हैजैसे जैसे उनका रिश्ता बढ़ता जाता है, पन्त्तेआ अलबोर्ज़ के लिए "प्यार" शब्द का इस्तेमाल करने लगती है। कम से कम, हफ्ते में एक बार वह कहती है की वह उससे प्यार करती है। मगर कुछ छिपाए राज़ उनके रिश्ते में दरार पैदा कर देते हैं, और जैसे ही अलबोर्ज़ को लगने लगता है कि सब कुछ सही है, पन्त्तेआ का किसी के साथ चल रहा अवैध संबंध सामने आ जाता है।
Autorenporträt
ऐश्घाम ने अलबोर्ज़ को यह समझने में मदद करी की वह जिसे प्यार समझता था, वह "मैं तुमसे प्यार करता हूँ" जैसा नहीं था, बल्कि यह था, "मैं तुमसे प्यार करती हूँ पर अपने तरीके से". अलबोर्ज़ ने सीखा की कैसे दो लोगों को एक दूसरे से व्यवहार करना चाहिए, अलबोर्ज़ और पन्त्तेआ के चलती आ रही कहानी में. "किसने किया?" उस इंसान की सच्ची प्यार की कहानी है जो अभी भी अपनी ऐश्घाम के लिए जीता है, पर क्या उसे प्यार पर भरोसा नहीं? फिर भी, जैसा की अगली किताब में बताया जायेगा, लहरों का रुख बदल जाता है, जब वह अलबोर्ज़ से कहने लगती है की वह उससे प्यार करती है. मगर, उसे जैसे ही लगने लगता है की पन्त्तेआ के साथ सबकुछ अच्छा चल रहा है, अलबोर्ज़ एक बहुत बड़ी गलती कर देता है, और वह उससे पूरी तरह यह कहना बंद कर देती है की वह उससे प्यार करती है. तीसरी किताब में, पन्त्तेआ किसी तरह अलबोर्ज़ को माफ़ कर देती है और उससे दोबारा अपने प्यार का इज़हार करना शुरू कर देती है मगर यह इज़हार उसके अद्भुत व्यक्तित्व से ढका हुआ है.