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""इस पुस्तक में लिखें कविताओं द्वारा जीवन के यथार्थ को विभिन्न रंगों से भरने की एक कोशिश है। लॉकडाउन २०२० संवेदनशील और बहुत ही विकट परिस्थितियों की चुनौतियां पूरे विश्व में सभी ने किसी ना किसी रूप में महसूस की। इस समय की पीड़ा का अनुभवऔर कुछ अटूट रिश्ता को खोने का दर्द शब्दों में कविता के रूप में डाला है। अपनी मातृभाषा में इन कविताओं को एक बगीचे के सुंदर रंग बिरंगे फूलों की तरह सजा कर प्रस्तुत करने का यह प्रयास है आशा है आप सब इन फूलों की सुगंध को महसूस कर सकेंगे""

Produktbeschreibung
""इस पुस्तक में लिखें कविताओं द्वारा जीवन के यथार्थ को विभिन्न रंगों से भरने की एक कोशिश है। लॉकडाउन २०२० संवेदनशील और बहुत ही विकट परिस्थितियों की चुनौतियां पूरे विश्व में सभी ने किसी ना किसी रूप में महसूस की। इस समय की पीड़ा का अनुभवऔर कुछ अटूट रिश्ता को खोने का दर्द शब्दों में कविता के रूप में डाला है। अपनी मातृभाषा में इन कविताओं को एक बगीचे के सुंदर रंग बिरंगे फूलों की तरह सजा कर प्रस्तुत करने का यह प्रयास है आशा है आप सब इन फूलों की सुगंध को महसूस कर सकेंगे""
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Autorenporträt
""इंग्लैंड में बसी वंदना खुराना गत 25 वर्षों से अपने परिवार के साथ पूर्वी तट नोरफोक में रह रहे हैं। व्यवसायिक क्षेत्र की सफलता के साथ-साथ सामाजिक तथा साहित्य कार्य में भी इनकी बहुत सुचारू योगदान है। देश और धर्म की धरोहर को अपनी अगली पीढ़ी को सौंपने के दायित्व सेवा हेतु 'वैदिक कल्चरल सोसाइटी ऑफ़ ईस्ट एंग्लिया' का निर्माण किया एवं एक हिंदू मंदिर का भी गठन किया जिसकी यह चेयरमैन है। अपनी सामाजिक सेवा और योगदान के हित इन्हें गत वर्ष नेशनल अवार्ड भी प्राप्त हुआ। लॉकडाउन के विकिट परिस्थितियों और चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उन्होंने अपनी एक पुस्तक ' अभी कैनिंग वेद सनराइज' के माध्यम से सबको आशावादी होने के लिए प्रोत्साहित किया। महिला काव्य मंच की अध्यक्षा है, हिंदी साहित्य तथा मातृभाषा की सेवा और प्रचार के लिए तत्पर रहते हैं। फूलों बागवानी और नेचर के साथ समय बिताना इनके प्रिय है तथा अपने परिवार तथा प्रिय जन को नए व्यंजन बना कर खिलाना भी की इनकी प्रियरूचि है। सामाजिक कार्य कर्ता के रूप में इन्हें nationa MBCCA awards के लिए चयन किया गया है। भारत के 75 वें स्वतंत्रता महोत्सव और हिंदी दिवस के उपलक्ष में भारतीय काउंसिल इन इंडोनेशिया एवं स्वामी विवेकानंद कल्चरल सोसायटी के आयोजित काव्य गोष्ठी का आमंत्रण और प्रशंसा पत्र प्राप्ति। इंडोनेशिया साहित्यिक LPiiG संस्था में यूके, यूरोप और रूस केअध्यक्षा के रूप में कार्यरत है।""