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"" झरोखा 'तूलिका' मेरी स्वरचित कविताओं का प्रथम संकलन है। जो मेरे मन में उठते विचारों की सहज अभिव्यक्ति है। इंद्रधनुष के सात रंग विभिन्न भाव संप्रेषित करते हैं। तूलिका के सहारे मैनें मन में उमड़ते- घुमड़ते भावों को एक साकार रूप देने का प्रयास किया है, जो पाठकों के ह्रदय से सहज संबंध स्थापित करता है। ""

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Produktbeschreibung
"" झरोखा 'तूलिका' मेरी स्वरचित कविताओं का प्रथम संकलन है। जो मेरे मन में उठते विचारों की सहज अभिव्यक्ति है। इंद्रधनुष के सात रंग विभिन्न भाव संप्रेषित करते हैं। तूलिका के सहारे मैनें मन में उमड़ते- घुमड़ते भावों को एक साकार रूप देने का प्रयास किया है, जो पाठकों के ह्रदय से सहज संबंध स्थापित करता है। ""
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Autorenporträt
"" सृजनकर्ता श्रीमती कुमुद पाठक लेखन के क्षेत्र में एक नया उभरता नाम है। हिंदी विषय में स्नातकोत्तर एवं बी.एड. के उपरांत २००४ में शिक्षण के क्षेत्र में आपने अपना पहला कदम रखा, हाल में एक प्रसिद्ध संस्थान में हिंदी अध्यापिका के रूप में कार्यरत हैं। इस क्षेत्र में आपका अनुभव २१ साल से है।आपका रुझान लेखन के साथ-साथ सीखने की प्रक्रिया को निरंतर आगे बढ़ाना है। अपने विचारों को सुव्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने एवं पाठकों के अंतर्मन से एक सहज एवं मधुर संबंध बनाने की कला में आप निपुण हैं। ""