दुनियाँ ते न्यारा सारी दुनियाँ ते न्यारा। अए हिमाचल म्हारा।। प्रिय दर्शनी इंदिरा ... इंदिरा तू औरत नहीं शेर थी। कायर नहीं पर दिलेर भी।। ... घुटी-घुटी की आओ थी राजनितीदारी चाल। तू नेहरू री बेटी नी थी एक लाल।। Note: This edition of "पहाड़ी बघल्याणी १" is a limited edition to distribute through Blurb only.