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आज की युवा पीढ़ी को पुराणों के कथा-संसार से परिचित कराने के उद्देश्य से शुभदा प्रकाशन जोधुपर ने 'पुराणों की कथाएँ' नामक शृंखला आरम्भ की है। इस पुस्तक- शृं खला में हमने भारतीय पुराणों में से कुछ रोचक कथाएं चुनकर उनके वैज्ञानिक पक्ष सहित प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इस शृं खला के द्वितीय पुष्प के रूप में हमने पुराणों में वर्णित ईक्ष्वाकु वंश के प्रमुख राजाओं की दिव्य कथाओं को चुना है जो मनु के कुल में उत्पन्न हुए थे। इस पुस्तक में हमने महाराज मनु से लेकर राजा ईक्ष्वाकु एवं उनके वंशज राजा रामचंद्र तक की सैंतीस कथाओं को लिया है। इन ईक्ष्वाकु राजाओं को पुराणों में दिव्य एवं चमत्कारी शक्तियों का स्वामी माना जाता है। इन्हें सूर्यवंशी राजा भी कहा जाता है।…mehr

Produktbeschreibung
आज की युवा पीढ़ी को पुराणों के कथा-संसार से परिचित कराने के उद्देश्य से शुभदा प्रकाशन जोधुपर ने 'पुराणों की कथाएँ' नामक शृंखला आरम्भ की है। इस पुस्तक- शृं खला में हमने भारतीय पुराणों में से कुछ रोचक कथाएं चुनकर उनके वैज्ञानिक पक्ष सहित प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इस शृं खला के द्वितीय पुष्प के रूप में हमने पुराणों में वर्णित ईक्ष्वाकु वंश के प्रमुख राजाओं की दिव्य कथाओं को चुना है जो मनु के कुल में उत्पन्न हुए थे। इस पुस्तक में हमने महाराज मनु से लेकर राजा ईक्ष्वाकु एवं उनके वंशज राजा रामचंद्र तक की सैंतीस कथाओं को लिया है। इन ईक्ष्वाकु राजाओं को पुराणों में दिव्य एवं चमत्कारी शक्तियों का स्वामी माना जाता है। इन्हें सूर्यवंशी राजा भी कहा जाता है।
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