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लेखक झारखण्ड / बिहार के राज्य पुलिस विभाग में सन् 1989 में दरोगा पद पर बहाल हुए। सेवाकाल अवधि पुरी कर सन् 2021 में सेवानिवृत हुए। लेखक थाना प्रभारी के पद पर पदभार 26 वर्ष तक कार्यत रहे, तत्पश्चात् प्रोन्नत होकर पुलिस के उच्च पदाधिकारी पद से सेवानितृत हुए। शिक्षा के बारे में छात्र जीवन काल से लेखन के प्रति रुचि रही है। 'कविता संग्रह', 'अनुभूति' प्रकाशित, नई दिशा' नामक पुस्तक प्रकाशित स्थानीय अखबार में लेख तथा पत्रिका में भी कई कथा-कहानी, लघुकथा आदि प्रकाशित हुए हैं। लेखक कवि के रूप में ज्यादा प्रसिद्ध है। स्थानीय पता बोकारो झारखंड स्नेहिल और आढरपूर्ण समर्पण पूज्यनीय नानि माँ - श्रीमती स्वर्गीय…mehr

Produktbeschreibung
लेखक झारखण्ड / बिहार के राज्य पुलिस विभाग में सन् 1989 में दरोगा पद पर बहाल हुए। सेवाकाल अवधि पुरी कर सन् 2021 में सेवानिवृत हुए। लेखक थाना प्रभारी के पद पर पदभार 26 वर्ष तक कार्यत रहे, तत्पश्चात् प्रोन्नत होकर पुलिस के उच्च पदाधिकारी पद से सेवानितृत हुए। शिक्षा के बारे में छात्र जीवन काल से लेखन के प्रति रुचि रही है। 'कविता संग्रह', 'अनुभूति' प्रकाशित, नई दिशा' नामक पुस्तक प्रकाशित स्थानीय अखबार में लेख तथा पत्रिका में भी कई कथा-कहानी, लघुकथा आदि प्रकाशित हुए हैं। लेखक कवि के रूप में ज्यादा प्रसिद्ध है। स्थानीय पता बोकारो झारखंड स्नेहिल और आढरपूर्ण समर्पण पूज्यनीय नानि माँ - श्रीमती स्वर्गीय महामाया देवी के चरणों में अर्पण उनके आशीर्वचन एवं संस्कार ने यहां तक पहुंचने में मदद की।
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Autorenporträt
लेखक झारखण्ड / बिहार के राज्य पुलिस विभाग में सन् 1989 में दरोगा पद पर बहाल हुए। सेवाकाल अवधि पुरी कर सन् 2021 में सेवानिवृत हुए। लेखक थाना प्रभारी के पद पर पदभार 26 वर्ष तक कार्यत रहे, तत्पश्चात् प्रोन्नत होकर पुलिस के उच्च पदाधिकारी पद से सेवानितृत हुए। शिक्षा के बारे में छात्र जीवन काल से लेखन के प्रति रुचि रही है। 'कविता संग्रह', 'अनुभूति' प्रकाशित, नई दिशा' नामक पुस्तक प्रकाशित स्थानीय अखबार में लेख तथा पत्रिका में भी कई कथा-कहानी, लघुकथा आदि प्रकाशित हुए हैं। लेखक कवि के रूप में ज्यादा प्रसिद्ध है। स्थानीय पता बोकारो झारखंड स्नेहिल और आढरपूर्ण समर्पण पूज्यनीय नानि माँ - श्रीमती स्वर्गीय महामाया देवी के चरणों में अर्पण उनके आशीर्वचन एवं संस्कार ने यहां तक पहुंचने में मदद की।