इस पुस्तक में अंग्रेज शक्ति के राजपूताने की रियासतों में प्रवेश करने से लेकर वापस लौटने तक की अवधि में हुई रोचक एवं ऐतिहासिक घटनाओं को लिखा गया है। अंग्रेजों ने भारत को दो तरह की राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत रखा। पहली तरह की व्यवस्था में भारत के बहुत बड़े भू-भाग पर अंग्रेजों का प्रत्यक्ष नियंत्रण था। इसे ब्रिटिश भारत कहा जाता था जिसे उन्होंने 11 ब्रिटिश प्रांतों में विभक्त किया। दूसरी तरह की व्यवस्था के अंतर्गत भारत के लगभग 565 देशी रजवाड़े थे जिनकी संख्या समय-समय पर बदलती रहती थी। देशी राज्यों को रियासती भारत कहते थे। ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने इन रजवाड़ों के साथ अधीनस्थ सहायता के समझौते किए जिनके अनुसार राज्यों का आंतरिक प्रशासन देशी राजा या नवाब के पास रहता था और उसके बाह्य सुरक्षा प्रबन्ध अंग्रेजों के नियंत्रण में रहते थे।
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