यह दिलचस्प बाल कहानी आपको एक नन्ही बच्ची के साथ उस सफर पर ले जाती है जिसका ध्यान इस बात पर जाता है कि उसने अपनी मुस्कान खो दी है। वह सोचती है कि उसकी मुस्कान कहाँ चली गई होगी और वह उसकी तलाश में निकल पड़ती है। आखिरकार, उसे अपनी मुस्कान तब मिलती है जब वह उसके पास लौट आती है। यह किताब नन्हें पाठकों को दयालु बनने और अपनी मुस्कान से दूसरों को खुशी देने की प्रेरणा देती है।