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जब करोना की महामारी हुई तो किसी को यह अहसास कभी न था कि यह इतना विदीर्ण रूप धारण करेगी। उस समय जीवन बहुत असामान्य हो गया, मौतों का सिलसिला कही नहीं रुकता नज़र नहीं आ रहा था। पूरे विश्व में तहलका मचा हुआ था। जीवन-मृत्यु का संघर्ष चारों ओर था। हर जगह गहन, घोर खौफ फैला हुआ था। मौत सामने कड़ी थी और आदमी विवश था। इसने सबको ही अपने घेरे में ले लिया था । सबकुछ अवर्णीय था। कोई पुस्तक इसका वर्णन नहीं कर पाएगी। विनाश कालीन अवस्था थी, कोई प्राकृतिक प्रकोप या बर्बादी इससे बड़ी कभी मानव इतिहास में नहीं हो सकती ! मैंने इस प्रसंग को यहां कविता के रुप में एक श्रीमिक की व्यथा में पिरोकर लिखने का लघु प्रयास किया…mehr

Produktbeschreibung
जब करोना की महामारी हुई तो किसी को यह अहसास कभी न था कि यह इतना विदीर्ण रूप धारण करेगी। उस समय जीवन बहुत असामान्य हो गया, मौतों का सिलसिला कही नहीं रुकता नज़र नहीं आ रहा था। पूरे विश्व में तहलका मचा हुआ था। जीवन-मृत्यु का संघर्ष चारों ओर था। हर जगह गहन, घोर खौफ फैला हुआ था। मौत सामने कड़ी थी और आदमी विवश था। इसने सबको ही अपने घेरे में ले लिया था । सबकुछ अवर्णीय था। कोई पुस्तक इसका वर्णन नहीं कर पाएगी। विनाश कालीन अवस्था थी, कोई प्राकृतिक प्रकोप या बर्बादी इससे बड़ी कभी मानव इतिहास में नहीं हो सकती ! मैंने इस प्रसंग को यहां कविता के रुप में एक श्रीमिक की व्यथा में पिरोकर लिखने का लघु प्रयास किया है। यहाँ श्रमिक की विडंबना,व्यथा, पीड़ा, मजबूरी, बेबसी, वगैरह पर कुछ विचार रखे हैं।
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Autorenporträt
शिववरण सिंह रघुवंशी का जन्म ढांडिया, गाडरवारा में हुआ था और वे मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में पले-पढ़े-बढ़े। वह एक भौतिक विज्ञानी, गणितज्ञ, कवि, वैज्ञानिक, कलाकार, कहानीकार हैं और पांच साहित्यिक पुस्तकों के लेखक हैं। कैनवस पर तेल, ऐक्रेलिक पेंटिंग उन्हें अपने खाली समय में व्यस्त रखती हैं। उनकी हाल ही में अंग्रेजी भाषा में पुस्तक RUSHIKA - A COLLECTION OF POEMS, Vedaa - - A COLLECTION OF POEMS, समय का मूसल AMAZON पर प्रकाशित हुई है। अन्य पुस्तकें GLUONS N ROSES, भी AMAZON.COM पर प्रकाशित हुई हैं; जीवन तरंगिनी, जीवन प्रवाहिनी, दिल के पमाने से सभी ब्लूरोज़ प्रकाशन, नई दिल्ली, भारत से प्रकाशित। उनकी वेबसाइट ( HTTPS: //SHIVSSRAGHU.IN/ ), FB, पर जा सकते हैं।