धन के रास्ते पर सबसे बड़ी बाधाओं में से एक हमारी अपनी सोच ही होती है। अक्सर पैसा हमारे दिमाग में नकारात्मक छवियां बनाता है - चिंता, तनाव, अपर्याप्तता। लेकिन सच्चाई यह है कि धन के प्रति हमारा दृष्टिकोण ही तय करता है कि वह हमारा दुश्मन बनेगा या सहयोगी। इस अध्याय में, हम ऐसी मानसिकता परिवर्तन की यात्रा पर निकलेंगे जो धन के प्रति रिश्ते को सुधारकर आपके वित्तीय सफलता के द्वार खोल देगी।पहला कदम नकारात्मक विश्वासों को पहचानें और चुनौती देंहमारे बचपन से लेकर मीडिया तक, अनगिनत स्रोत धन के बारे में नकारात्मक संदेशों को हमारे दिमाग में डालते रहते हैं। "पैसा ही सब कुछ नहीं होता," "अमीर लोग लालची होते हैं," या "मुझे तो कभी इतना पैसा नहीं मिल सकता।" ये विश्वास, भले ही सचेत न हों, हमारे वित्तीय व्यवहार को सीमित करते हैं। पहला कदम इन विश्वासों की पहचान करना है। क्या आप मानते हैं कि पैसा जीवन का बोझ है? क्या आपको लगता है कि आप पर्याप्त नहीं कमा पाएंगे? इन विचारों को लिख लें और उनकी जड़ें तलाशें।एक बार पहचान हो जाने के बाद, इन विश्वासों को तार्किक रूप से चुनौती दें। क्या "पैसा सब कुछ नहीं" का मतलब यह है कि वह महत्वपूर्ण नहीं है? क्या सभी अमीर लोग वास्तव में लालची हैं? क्या अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारना असंभव है? सकारात्मक उदाहरणों की तलाश करें, उन लोगों के बारे में सोचें जिन्होंने वित्तीय स्वतंत्रता हासिल की है और यह सकारात्मक प्रभाव कैसा दिखता है।