जिस तरह सरिता एक पवित्र धारा बन उससे मिलने वाले बंजर ज़मीन को हरियाली से भर देती है उसी तरह यह पद्य संकलन बंजर मन को प्रेम, शांति एवं देशभक्ति रूपी हरियाली से भर देगी। यह कविताएँ ज़्यादातर प्रकृति पर आधारित है जिसे पढ़ने के आनंद उस प्रकृति के साथ ही आता है। इस संकलन में कुल 27 कविताएं हैं जो हर एक भाव से लिखी है। About The Author: डी. सी. धरुण मुघिलन एक उत्साही, उभयवर्ती और प्रकृतिप्रेमी हैं। वह त्यागराजर कॉलेज, मदुरै-09 में रसायन विज्ञान में स्नातक कार्यक्रम कर रहे हैं। उन्हें प्रकृति और दैनिक जीवन की घटनाओं पर आधारित कविताएं और लेख लिखना पसंद है। काल्पनिक कहानियाँ लिखने की उनकी प्रेरणा प्रेमचंद हैं। उन्होंने अपने स्कूली जीवन में विभिन्न पहलुओं पर अपने लेखन के लिए कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं, न केवल एक बार उनका निबंध परीक्षा पे चर्चा निबंध प्रतियोगिता के लिए चुना गया और इस तरह उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी को देखने का मौका मिला। उन्होंने 10 संकलनों में भी अपनी भूमिका निभाई है, जिनमें से 8 प्रकाशित हैं। उन्होंने बहुत कम हासिल किया है और वह अपने सपने पूरे कर के ही रहेंगे।