"स्वांतः सुखायः- कुछ शब्द स्वयं के खातिर" एक कविता संग्रह है जो आपकी भावनाओं को शब्दों में पिरोता है और उनका उत्सव मनाता है ये कविताएं आपकी निजी भावनाओं को व्यक्त करती हैं, जो आपके जीवन के अनुभवों से बुनी गई हैं। ये पंक्तियाँ आपकी गहरी, अनकही और ईमानदार भावनाओं को संबोधित करती हैं, जिनसे आपको समय-समय पर गुजरना पड़ता हैं। अत आपकी भावनाओं को नमन और आपकी दिलों की बातों को सलाम!
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