" आ जी लें ज़रा ", एक ख़ूबसूरत ग़ज़लों, गीतों और नज़्मों का संग्रह है जिसके कवि प्रमोद राजपूत हैं । प्रमोद राजपूत मूलतः बिहार के छपरा ज़िला के एक छोटे से गाँव चतुरपुर से हैं और २००३ से अमेरिका के निवासी हैं। वे यूँ तो पेशे से सॉफ़्ट्वेयर इंजीनियर हैं मगर हिंदी और उर्दू ग़ज़लों और नज़्मों का शौक़ स्कूल के दिनों से ही रखते हैं। अपने कॉलेज के ज़माने से ही मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़लों के बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं। प्रमोद राजपूत की रचनाओं में प्रेम और मानवीय जज़्बातों का अद्भुत मिश्रण होता है जो श्रोताओं और पाठकों का दिल छू लेता है। इनकी कुछ रचनाएँ जीवन, दर्शन और प्रेरणा से परिपूर्ण हैं। क़रीब २५ सालों तक उच्च तकनीकी नौकरी करने के पश्चात, २०१७ से इन्होंने अपनी इस प्रतिभा को गंभीरता से लेना शुरू किया और उसके पश्चात देश-विदेश के मुशायरों और कवि सम्मेलनों में बहुत शौक़ से सुने जाते हैं। ७ फ़रवरी २०१९ को इनकी एक ग़ज़ल के कुछ शेर संसद में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और विपक्ष के नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने अपने भाषण में कहे जो मीडिया और प्रेस में बहुत दिनों तक चर्चा का विषय बने रहे।
Hinweis: Dieser Artikel kann nur an eine deutsche Lieferadresse ausgeliefert werden.
Hinweis: Dieser Artikel kann nur an eine deutsche Lieferadresse ausgeliefert werden.