पठनीयता किसी भी उपन्यास की सबसे बड़ी ताकत होती है। यहाँ पठनीयता से तात्पर्य पाठक का किसी रचना के साथ आरम्भ से लेकर अंत तक गहरा सम्बन्ध स्थापित हो जाने से है। चन्द्रकान्ता संतति एक ऐसा ही उपन्यास है। हिंदी साहित्य के इतिहास में देवकीनंदन खत्री कृत 'चंद्रकांता संतति' एक ऐसा उपन्यास रहा है जिसने साहित्य के पाठकों के बीच में तहलका मचा दिया था। एक ऐय्यारी उपन्यास के रूप में प्रसिद्ध यह उपन्यास घटना प्रधान, तिलिस्म, जादूगरी, रहस्यलोक तथा ऐय्यारी की पृष्ठभूमि पर संजोया गया है। इस उपन्यास की खास बात यह भी है कि जब यह उपन्यास प्रकाशित होकर पाठकों के हाथों में आया तब लोगों के बीच इसे पढ़ने की इच्छा बहुत बढ़ गयी। इसकी प्रसिद्धि का स्तर कुछ यूं रहा कि गैर हिंदी भाषी लोग भी इसे पढ़ने के लिए हिंदी सीखने लगे।