डॉ. कृष्ण कुमार प्रजापति ऐसे रचनाकार हैं जिन्होंने कई विधाओं में सशक्त लेखनी चलाई है। बड़े ही सुखद आश्चर्य की बात है कि ओडिशा जैसे अहिन्दी प्रदेश में रहकर बड़े ही दमदार तरीके से इन्होंने अपनी लेखन प्रक्रिया को अंजाम दिया है। कहानी, कविता, लघु कथा और ग़ज़ल जैसी कई विधाओं में इनका योगदान है। प्रायः हर तरह की शायरी इनके संग्रहों में देखने को मिलती है। इनकी शायरी को पढ़कर इस बात से आश्वस्त हुआ जा सकता है कि शायरी आज भी सृजनशील हाथों में है। डॉ. कुमार की ग़ज़लों में इसी तरह के कई बिन्दु देखने को मिलते हैं। जिनपर विस्तार से चर्चा करने की जरूरत है।
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