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पहले प्यार का फूल (eBook, ePUB) - पात्र, गोपाल
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  • Format: ePub

पहले प्यार का फूल
"जब काली ने पहली बार मुझे मल्लिकाबन में पकड़ा, तो अंजलि ने आपसे दोस्ती की," रवि टैगोर ने कहा। प्यार की पहली कली बड़ी, शर्मीली, बड़ी, घमंडी होती है। ज्यादातर मामलों में यह बिसवां दशा में खो जाता है।
किशोरावस्था में, यानी किशोरावस्था में, लगभग हर कोई, पुरुष और महिला, प्यार में पड़ जाता है - कि प्यार मीठा, अधिक उदासीन और प्लेटोनिक होता है।
सिर्फ कल्पना करना... और कल्पना करना कि दिन-रात पंखों पर उड़ते-उड़ते-आसमान में-हवा में आसानी से जमीन पर गिरना नहीं चाहता!
दिन-रात स्वप्न की जादुई रचना - स्वप्न काजल आंखों पर है। उसके लिए विपरीत लोगों/लोगों को पुनर्व्यवस्थित करने के
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Produktbeschreibung
पहले प्यार का फूल

"जब काली ने पहली बार मुझे मल्लिकाबन में पकड़ा, तो अंजलि ने आपसे दोस्ती की," रवि टैगोर ने कहा। प्यार की पहली कली बड़ी, शर्मीली, बड़ी, घमंडी होती है। ज्यादातर मामलों में यह बिसवां दशा में खो जाता है।

किशोरावस्था में, यानी किशोरावस्था में, लगभग हर कोई, पुरुष और महिला, प्यार में पड़ जाता है - कि प्यार मीठा, अधिक उदासीन और प्लेटोनिक होता है।

सिर्फ कल्पना करना... और कल्पना करना कि दिन-रात पंखों पर उड़ते-उड़ते-आसमान में-हवा में आसानी से जमीन पर गिरना नहीं चाहता!

दिन-रात स्वप्न की जादुई रचना - स्वप्न काजल आंखों पर है। उसके लिए विपरीत लोगों/लोगों को पुनर्व्यवस्थित करने के लिए कितनी व्यवस्था!

और मन के पिछवाड़े में, पूरे आकाश में, शिकायत न करने की लालसा- अभाव!

यह प्रेम कविताओं की एक किताब है ....