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नीर की ग़ज़लें... (eBook, ePUB) - कुमार 'निर्मोही', नीर
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  • Format: ePub

बस यूं ही कुछ ख्याल है जो हमने अपने सनम, अपने प्यार के लिए लिखे हैं। अगर आपने भी किसी से प्यार किया है तो एक बार अवश्य मेरी ग़ज़लों को पढ़ें।
किसी की यादों में खोए हुए कुछ सोचना और फिर अपनी खयालों को कागज पर उतार देना। यही है खास बात मेरी इन ग़ज़लों की। इनमें आपको प्यार मिलेगा, इंतजार मिलेगा, तड़प मिलेगी, बेचैनी मिलेगी।
पहले प्यार का जो एहसास होता है वह आपको मेरी ग़ज़लों में दिखेगा। एक मासुम-सा प्यार जो अपने सनम के ख्यालों में खो कर सारी दुनिया से जुदा हो जाता है।
इसी प्रेम भाव के साथ आप मेरी इन रचनाओं को पढ़िएगा। धन्यवाद।

Produktbeschreibung
बस यूं ही कुछ ख्याल है जो हमने अपने सनम, अपने प्यार के लिए लिखे हैं। अगर आपने भी किसी से प्यार किया है तो एक बार अवश्य मेरी ग़ज़लों को पढ़ें।

किसी की यादों में खोए हुए कुछ सोचना और फिर अपनी खयालों को कागज पर उतार देना। यही है खास बात मेरी इन ग़ज़लों की। इनमें आपको प्यार मिलेगा, इंतजार मिलेगा, तड़प मिलेगी, बेचैनी मिलेगी।

पहले प्यार का जो एहसास होता है वह आपको मेरी ग़ज़लों में दिखेगा। एक मासुम-सा प्यार जो अपने सनम के ख्यालों में खो कर सारी दुनिया से जुदा हो जाता है।

इसी प्रेम भाव के साथ आप मेरी इन रचनाओं को पढ़िएगा। धन्यवाद।