About the book:
तीन दोस्त आधारित है ,तीन दोस्तों की कहानी पर। तीनों दोस्त बचपन से एक साथ पढ़ते हैं, खेलते हैं। वे बचपन से यौवन तक का सफर एक साथ तय करते हैं। वो लोग आपस में एक-दूसरे से ये वादा करतें हैं कि तीनों ही दोस्त अपना बुढ़ापा भी एक साथ बिताएंगे ।तीनों दीवारें के अनुसार एक साथ एक ही स्थान में अगल-बगल मकान बनाते हैं ; इनमें से एक दोस्त तो अपना वादा निभाता है पर बाकी के दो दोस्त अपने-अपने बच्चों के साथ अलग-अलग स्थानों पर चलें जातें हैं। दो दोस्तों के साथ उस दौरान कुछ ऐसा घटित होता है कि वो दोनों लौटकर वापस पहाड़ अपनी दोस्त के पास सपरिवार आतें हैं और शेष जीवन व्यतीत करने लगें । ऐसा क्या घटित हुआ उन दोस्तों के साथ ।जानने के लिए अवश्य पढ़ें। हिमांशु पाठक कृत तीन दोस्त ।
तीन दोस्त आधारित है ,तीन दोस्तों की कहानी पर। तीनों दोस्त बचपन से एक साथ पढ़ते हैं, खेलते हैं। वे बचपन से यौवन तक का सफर एक साथ तय करते हैं। वो लोग आपस में एक-दूसरे से ये वादा करतें हैं कि तीनों ही दोस्त अपना बुढ़ापा भी एक साथ बिताएंगे ।तीनों दीवारें के अनुसार एक साथ एक ही स्थान में अगल-बगल मकान बनाते हैं ; इनमें से एक दोस्त तो अपना वादा निभाता है पर बाकी के दो दोस्त अपने-अपने बच्चों के साथ अलग-अलग स्थानों पर चलें जातें हैं। दो दोस्तों के साथ उस दौरान कुछ ऐसा घटित होता है कि वो दोनों लौटकर वापस पहाड़ अपनी दोस्त के पास सपरिवार आतें हैं और शेष जीवन व्यतीत करने लगें । ऐसा क्या घटित हुआ उन दोस्तों के साथ ।जानने के लिए अवश्य पढ़ें। हिमांशु पाठक कृत तीन दोस्त ।
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