श्रीमद्भगवत गीता हिंदुओं के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक है। इसमें निहित ज्ञान और विज्ञान कालजयी है। इस कालजयी ग्रंथ का महत्व इसी बात से जाना जा सकता है कि महाकाव्य महाभारत का एक हिस्सा होने के बावजूद इसे उपनिषद का दर्जा दिया गया है। यह पवित्र पुस्तक आध्यात्मिक ज्ञान का खजाना है। आनंदमय जीवन कैसे जियें? जीवन में किसी भी प्रकार की दुविधा से कैसे बाहर निकलें? इसकी पूरी व्याख्या श्रीमद्भगवद्गीता में ज्ञानयोग और निष्काम कर्मयोग के माध्यम से पाई जा सकती है। इसे पढ़कर, समझकर और अपने जीवन में उतारकर जीवन को और अधिक सार्थक बनाया जा सकता है। मूल रूप से संस्कृत में लिखे गए इस पवित्र ग्रंथ में सात सौ श्लोक हैं। आजकल लोगों को संस्कृत भाषा समझने में कठिनाई होती है, इसलिए इस पुस्तक के माध्यम से अरविंद कुमार ने इसे चौपाई के रूप में सरल हिंदी में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है