कश्मीर के सुप्रसिद्ध लेखक अयाज़ रसूल नाज़की (ए आर नाज़की) की कविताओं का हिन्दी अनुवाद
अनुवादक: निसार आज़म, साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार (2011) से सम्मानित
कवि परिचय: अयाज़ रसूल नाज़की बहुभाषी कवि, विद्वान, अनुवादक, शोधकर्ता, यात्रा वृतांत लेखक, समीक्षक और स्तंभकार हैं। अयाज़ साहित्यिक दुनिया में अपनी विशिष्ट जगह बनाने में सफल रहे हैं। वह कश्मीरी, उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में लिखते हैं। नाज़की बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के रूप में काम कर चुके हैं। वह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के कश्मीर चैप्टर के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक भी रहे। वह 25 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। जो कविता, गद्य, उपन्यास और जीवनी संबंधी विवरण, यात्रावृत आदि शैलियां पर आधारित हैं। इनके पिता गुलाम रसूल नाज़की भी एक सुप्रसिद्ध कश्मीरी कवि, और साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त लेखक, प्रसारक और शिक्षक थे।
पुरस्कार: नाज़की को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सादिक मेमोरियल अवार्ड 2004, शिक्षा रत्न अवार्ड 2003, जम्मू विश्वविद्यालय द्वारा रॉब ऑफ ऑनर 2008, बख्शी मेमोरियल अवार्ड 2017 से सम्मानित किया जा चुका है।
रसूल नाज़ुकी की कविताएँ वाचाल नहीं हैं। वे अल्प शब्दों से काम लेने वाले कवि हैं और इस में वे सफल भी हो जाते हैं। वे राजनीति की ही आँख से चीज़ों को नही देखते बल्कि अपने सभी पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर मानवता के पक्षधर भी बन जाते हैं। वे कभी-कभी आत्मस्वीकार के लहजे में खुद को परखते भी हैं और खुद को भी कठघरे में खड़ा करने से नही हिचकते। - महाराज कृष्ण संतोषी
अनुवादक निसार आज़म: निसार आज़म, जम्मू और कश्मीर के प्रसिद्ध कवि, लेखक और अनुवादक हैं। उनकी कविताएँ हाल ही में प्रसिद्ध हिंदी पत्रिका "कथा रंग" में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कविताओं को पंजाबी, बंगाली, उड़िया और गुजराती सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवादित किया गया है, जिससे उनकी कला भाषाई सीमाओं को पार करती है। निसार आज़म की सृजनात्मक प्रतिभा उनके खुद की संवादित काव्य से बाहर बढ़ती है। उन्होंने विभिन्न कश्मीरी लेखकों की कृतियों का हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद किया है, जिससे उनका क्षेत्रीय साहित्य बढ़ने की कविता में दृढ निष्ठा प्रकट होती है। उनका उत्कृष्ट कार्य "पत् ल् जि जून दरस" उनके सृजनात्मक उत्कृष्टि और उनकी जड़ों के प्रति अपनी प्रेम-भक्ति की प्रतिष्ठा मानी जा सकती है। निसार आज़म को 2011 में साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अनुवादक: निसार आज़म, साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार (2011) से सम्मानित
कवि परिचय: अयाज़ रसूल नाज़की बहुभाषी कवि, विद्वान, अनुवादक, शोधकर्ता, यात्रा वृतांत लेखक, समीक्षक और स्तंभकार हैं। अयाज़ साहित्यिक दुनिया में अपनी विशिष्ट जगह बनाने में सफल रहे हैं। वह कश्मीरी, उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में लिखते हैं। नाज़की बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के रूप में काम कर चुके हैं। वह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के कश्मीर चैप्टर के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक भी रहे। वह 25 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। जो कविता, गद्य, उपन्यास और जीवनी संबंधी विवरण, यात्रावृत आदि शैलियां पर आधारित हैं। इनके पिता गुलाम रसूल नाज़की भी एक सुप्रसिद्ध कश्मीरी कवि, और साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त लेखक, प्रसारक और शिक्षक थे।
पुरस्कार: नाज़की को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सादिक मेमोरियल अवार्ड 2004, शिक्षा रत्न अवार्ड 2003, जम्मू विश्वविद्यालय द्वारा रॉब ऑफ ऑनर 2008, बख्शी मेमोरियल अवार्ड 2017 से सम्मानित किया जा चुका है।
रसूल नाज़ुकी की कविताएँ वाचाल नहीं हैं। वे अल्प शब्दों से काम लेने वाले कवि हैं और इस में वे सफल भी हो जाते हैं। वे राजनीति की ही आँख से चीज़ों को नही देखते बल्कि अपने सभी पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर मानवता के पक्षधर भी बन जाते हैं। वे कभी-कभी आत्मस्वीकार के लहजे में खुद को परखते भी हैं और खुद को भी कठघरे में खड़ा करने से नही हिचकते। - महाराज कृष्ण संतोषी
अनुवादक निसार आज़म: निसार आज़म, जम्मू और कश्मीर के प्रसिद्ध कवि, लेखक और अनुवादक हैं। उनकी कविताएँ हाल ही में प्रसिद्ध हिंदी पत्रिका "कथा रंग" में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कविताओं को पंजाबी, बंगाली, उड़िया और गुजराती सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवादित किया गया है, जिससे उनकी कला भाषाई सीमाओं को पार करती है। निसार आज़म की सृजनात्मक प्रतिभा उनके खुद की संवादित काव्य से बाहर बढ़ती है। उन्होंने विभिन्न कश्मीरी लेखकों की कृतियों का हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद किया है, जिससे उनका क्षेत्रीय साहित्य बढ़ने की कविता में दृढ निष्ठा प्रकट होती है। उनका उत्कृष्ट कार्य "पत् ल् जि जून दरस" उनके सृजनात्मक उत्कृष्टि और उनकी जड़ों के प्रति अपनी प्रेम-भक्ति की प्रतिष्ठा मानी जा सकती है। निसार आज़म को 2011 में साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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