माँ शारदाके गीत लिखे गान के लिये ।
उसकी कृपा मिले हमें भी ज्ञान के लिये ।।
घेरे हुए जगत में सभी ओर है तिमिर ।
दीपक जलाइये जरा सम्मान के लिये ।।
हरदम जवानियाँ न दिवास्वप्न देखती ।
होलक्ष्य हेतु कर्म सदा मान के लिये
उसकी कृपा मिले हमें भी ज्ञान के लिये ।।
घेरे हुए जगत में सभी ओर है तिमिर ।
दीपक जलाइये जरा सम्मान के लिये ।।
हरदम जवानियाँ न दिवास्वप्न देखती ।
होलक्ष्य हेतु कर्म सदा मान के लिये
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