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भविष्य के देश-काल में कहीं हाथियों की एक नई प्रजाति समय के रहस्यों को जान चुकी है। अब उनके पास ऐसी शक्ति है कि वे न केवल भौतिक वास्तविकता को बल्कि दुनिया के बारे में लोगों के दृष्टिकोण को भी बदल सकते हैं। इनमें से एक हाथी का विश्वास है कि वह वज्रधर बुद्ध है जिसके भाग्य में विश्व में महान परिवर्तन लाना लिखा है। वज्रधर अपनी शक्तियों का उपयोग शिखर के हालात बदलने के लिए करता है और आरंभ उन लोगों से करता है जो देश के कर्णधार हैं, जिनकी ओर पूरे राष्ट्र की आँखें और कान लगे हुए हैं। यानी कि एक प्रधान मंत्री, एक भावना मंत्री, एक चोटी के टीवी एंकर से। और मास्टर ओ से भी - उस संत से जिसके दुनिया भर में…mehr

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Produktbeschreibung
भविष्य के देश-काल में कहीं हाथियों की एक नई प्रजाति समय के रहस्यों को जान चुकी है। अब उनके पास ऐसी शक्ति है कि वे न केवल भौतिक वास्तविकता को बल्कि दुनिया के बारे में लोगों के दृष्टिकोण को भी बदल सकते हैं। इनमें से एक हाथी का विश्वास है कि वह वज्रधर बुद्ध है जिसके भाग्य में विश्व में महान परिवर्तन लाना लिखा है। वज्रधर अपनी शक्तियों का उपयोग शिखर के हालात बदलने के लिए करता है और आरंभ उन लोगों से करता है जो देश के कर्णधार हैं, जिनकी ओर पूरे राष्ट्र की आँखें और कान लगे हुए हैं। यानी कि एक प्रधान मंत्री, एक भावना मंत्री, एक चोटी के टीवी एंकर से। और मास्टर ओ से भी - उस संत से जिसके दुनिया भर में करोड़ों भक्त हैं। क्या कृत्रिम वज्रधर अपना मिशन पूरा कर सकेगा?

जानिए आधुनिक भारत की गाथा की इस श्रेष्ठ प्रस्तुति से।

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धीरज सिंह, दादा साहब फाल्के अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म स्कूल और मीडिया एवं संचार विभाग और आइडिया लैब एमआईटी-वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे (Dadasaheb Phalke International Film School MIT-World Peace University PUNE के निदेशक हैं। धीरज सिंह एक कुशल कलाकार, लेखक, स्तंभकार, अनुवादक और मीडिया पेशेवर हैं। एक बेहतरीन उपन्यास 'मास्टर ओ' के लेखक भी हैं। 'मास्टर ओ' प्रौद्योगिकी के संदर्भ में मानव अस्तित्व के बारे में कुछ बहुत गहरे और सार्थक सवालों की पड़ताल करता है। धीरज सिंह 'आई लाइक टू वॉश माई फेस विद सी वॉटर' के अनुवादक भी हैं जो अनुवादित कविताओं का संग्रह है। इन्होंने भारत की पहली महिला आर्ट-गैलरिस्ट उमा जैन की जीवनी भी लिखी है। एनडीटीवी-मोजार्टो पर उनका एक कला कॉलम #Art Is Everywhere है। इन्होंने लघु कहानियाँ लिखी हैं जो 'द लिटिल मैगज़ीन' और 'द पंच मैगज़ीन' में प्रकाशित हुई हैं। इन्होंने भारत के विभाजन के बारे में असगर वजाहत के प्रसिद्ध हिंदी नाटक 'जिसने लाहौर नई देख्या, ओ जन्म्या नई' (Unborn in Lahore) का अंग्रेजी में अनुवाद किया है। इनकी अनूठी 'एक्स-रे कला' 'इंडिया आर्ट फेयर', 'काइंडनेस/उदार्ता' जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में प्रदर्शित हुई है। ऑस्ट्रेलिया-भारत कल्चरल एक्सचेंज शो' और 'वेनिस आर्किटेक्चर बिएननेल'। इनकी पेंटिंग दुनिया भर में कई प्रदर्शनियों में भी दिखाई गई हैं और कई अंतरराष्ट्रीय संग्रहों का हिस्सा हैं।


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