कहते हैं न कि भावनाएं हमेशा आपके साथ साथ चलती हैं। उनके बिना आपका वजूद ही नहीं होता। एक सच ये भी है कि समय के अनुरूप आपकी भावनाएं परिवर्तित होती रहती हैं जो कि स्वाभाविक है। मेरी नई किताब "पथिक"जो एक काव्य संकलन है, इसमें आपको इन्ही मानवीय भावनाओं के अलग अलग रूप देखने को मिलेंगे। आपको ये महसूस होगा की शायद ये आपकी ही भावनाओं का चित्रण है। आप एक जुड़ाव महसूस करेंगे। तो आइए इन भावनाओं के सागर में गोता लगाएं।
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