मैं अक्सर प्रेम पर लिखती हूँ और प्रेम पर लिखने वाला व्यक्ति असल में प्रेम पर नहीं उसकी कल्पित तस्वीरों पर लिखता है और हर कल्पना कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में हकीकत से थोड़ी मिलती जुलती होती है। कविताओं को पढ़ने के क्रम में आप हकीकत और कल्पनाएं दोनों को समझ पाएंगे। इन कविताओं को ना जाने कब से लिख कर सहेज रखा था, वो अलग बात है कि इसमें से कुछ अपने सोशल मीडिया पर साझा की हैं लेकिन फिर भी इनको सहेज कर रख लेने के इतने सारे कारण थे मेरे पास कि आखिर में मैंने इनको किताब का रूप ही दे दिया। मेरे हिसाब से प्रेम हृदय के अंतर का परिशुद्ध स्वतंत्र जुड़ाव है। ये एक स्वतंत्र भाव है जो स्वयं ह्रदय के अंतर से आता है और सिर्फ आता है सभी के लिए, इस पर बाहरी परिवेश का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ये प्रेम कविताएं पढ़ते हुए आप जिस व्यक्ति को भी सोचेंगे , उसके साथ प्रेम के इस रूप को ज़रूर महसूस कर पाएंगे। बाकी बस आप लोगों का प्रेम चाहिए और आप इस किताब को पढ़ रहे है उसके लिए शुक्रिया।
Dieser Download kann aus rechtlichen Gründen nur mit Rechnungsadresse in A, B, CY, CZ, D, DK, EW, E, FIN, F, GR, H, IRL, I, LT, L, LR, M, NL, PL, P, R, S, SLO, SK ausgeliefert werden.