शब्द
'यू एंड मी-अ व्यूटीफुल जर्नी' एक रोमांटिक उपन्यास है, जिसमें अंकु ठाकुर ने दो बचपन के प्रेमियों के जीवन में आने वाली घटनाओं को लेकर एक ब्यूटीफुल जर्नी की बुनावट की है। कहानी का मुख्य पात्र एक प्रसिद्ध लेखक है किन्तु वो अपने उपन्यास पर फिल्म नहीं बनवाना चाहता है। वो इसके सख्त खिलाफ है। लद्दाख की खूबसूरत वादियों से यह संभव न होने के कारण यह जिम्मेदारी उसका एक सहायक मुम्बई मे सँभालता है। उपन्यास के पुनः पढ़ने पर वह उसमें जरूरी हेर-फेर करता है। कहानी ईधान के 7 वर्ष की उम्र की घटना से प्रारम्भ होती है, जब उसके पड़ोस में रहने वाला युवक राजवीर अपने विवाहेतर संबंधों के कारण अपनी पत्नी के साथ विवाद में रहता है जिसके फलस्वरूप उसकी पत्नी सुगधिता आत्महत्या कर लेती है। इसका परिणाम उसकी बेटी अरिशा पर पड़ता है और परिवार उसे मनहूस सिद्ध करने में लग जाता हैं। उसके उपरान्त अरिशा और ईधान, जो एक दूसरे को चाहते हैं, कॉलेज में पुनः मिलते हैं। ईधान अरिशा के जीवन की टूटी श्रंृखला को जोड़ता है। विभिन्न घटनाओं के बीच ईधान के परिवार में अरिशा को लेकर द्वन्द प्रारम्भ हो जाता है। अन्ततः कहानी का समापन अरिशा की मृत्यु के साथ होता है और ईधान लद्दाख लौट जाता है।उपन्यास के कथानक में विभिन्न घटनाओं को नाटकीय स्वरूप में समाहित किया गया है, जिससे उपन्यास की रोचकता और पठनीयता बढ़ जाती है। इस अच्छी रचना के लिए लेखिका अंकु ठाकुर बधाई की पात्र है। वो हिमाचल के एक छोटे से गांव से आती हैं और फिलहाल अपनी मास्टर्स कंप्लीट करके पी.एच.डी की तैयारी कर रही है। पिछले तीन साल से लेखन कार्य में सक्रिय है और इसी दौरान काफी सारी कहानियों पर अलग-अलग प्लेटफार्म पर प्रकाशित हो चुकी है।
प्रतिलिपि द्वारा प्रायोजित 'यू एंड मी-अ व्यूटीफुल जर्नी' एक रोमाटिक उपन्यास है जिसका प्रकाशन इंडिया नेटबुक्स द्वारा किया गया है। आशा है कि पाठकों एवं मनीषियों के अंकु ठाकुर द्वारा लिखा गया यह उपन्यास रोचक लगेगा। मेरी शुभकमानओं के साथ।
डॉ. संजीव कुमार
निदेशक, इंडिया नेटबुक्स
'यू एंड मी-अ व्यूटीफुल जर्नी' एक रोमांटिक उपन्यास है, जिसमें अंकु ठाकुर ने दो बचपन के प्रेमियों के जीवन में आने वाली घटनाओं को लेकर एक ब्यूटीफुल जर्नी की बुनावट की है। कहानी का मुख्य पात्र एक प्रसिद्ध लेखक है किन्तु वो अपने उपन्यास पर फिल्म नहीं बनवाना चाहता है। वो इसके सख्त खिलाफ है। लद्दाख की खूबसूरत वादियों से यह संभव न होने के कारण यह जिम्मेदारी उसका एक सहायक मुम्बई मे सँभालता है। उपन्यास के पुनः पढ़ने पर वह उसमें जरूरी हेर-फेर करता है। कहानी ईधान के 7 वर्ष की उम्र की घटना से प्रारम्भ होती है, जब उसके पड़ोस में रहने वाला युवक राजवीर अपने विवाहेतर संबंधों के कारण अपनी पत्नी के साथ विवाद में रहता है जिसके फलस्वरूप उसकी पत्नी सुगधिता आत्महत्या कर लेती है। इसका परिणाम उसकी बेटी अरिशा पर पड़ता है और परिवार उसे मनहूस सिद्ध करने में लग जाता हैं। उसके उपरान्त अरिशा और ईधान, जो एक दूसरे को चाहते हैं, कॉलेज में पुनः मिलते हैं। ईधान अरिशा के जीवन की टूटी श्रंृखला को जोड़ता है। विभिन्न घटनाओं के बीच ईधान के परिवार में अरिशा को लेकर द्वन्द प्रारम्भ हो जाता है। अन्ततः कहानी का समापन अरिशा की मृत्यु के साथ होता है और ईधान लद्दाख लौट जाता है।उपन्यास के कथानक में विभिन्न घटनाओं को नाटकीय स्वरूप में समाहित किया गया है, जिससे उपन्यास की रोचकता और पठनीयता बढ़ जाती है। इस अच्छी रचना के लिए लेखिका अंकु ठाकुर बधाई की पात्र है। वो हिमाचल के एक छोटे से गांव से आती हैं और फिलहाल अपनी मास्टर्स कंप्लीट करके पी.एच.डी की तैयारी कर रही है। पिछले तीन साल से लेखन कार्य में सक्रिय है और इसी दौरान काफी सारी कहानियों पर अलग-अलग प्लेटफार्म पर प्रकाशित हो चुकी है।
प्रतिलिपि द्वारा प्रायोजित 'यू एंड मी-अ व्यूटीफुल जर्नी' एक रोमाटिक उपन्यास है जिसका प्रकाशन इंडिया नेटबुक्स द्वारा किया गया है। आशा है कि पाठकों एवं मनीषियों के अंकु ठाकुर द्वारा लिखा गया यह उपन्यास रोचक लगेगा। मेरी शुभकमानओं के साथ।
डॉ. संजीव कुमार
निदेशक, इंडिया नेटबुक्स
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