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"यूँ बिछड़ना भी बहुत आसाँ न था उससे मगर जाते जाते उस का वो मुड़कर दोबारा देखना" परवीन शाकिर के इस शेर-सी ही है स्टोरीटेल की ओरिजिनल सीरीज़ "गुस्ताख़ इश्क़" की मिताली की कहानी. एक आधुनिक शहर में अपनी शर्तों पर जीने वाली एक लड़की की कहानी जो दुनिया की तमाम वर्जनाएं तोड़कर, हर फांसले को लांघकर इश्क़ करती है और सामना करती है उन तमाम चुनौतियों का जिसका आधुनिकता से दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं. ये कहानी जितनी मिताली की है उतनी ही रॉनित की भी, जो इश्क़ करता है और देता है पूरा पूरा साथ अपनी इंसानी ग़लतियों के साथ. और उन तमाम लोगों की भी जिन्होंने इश्क़ और गुस्ताखियों को बनते बिगड़ते देखा. इस बार के…mehr

  • Format: mp3
  • Größe: 36MB
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Produktbeschreibung
"यूँ बिछड़ना भी बहुत आसाँ न था उससे मगर जाते जाते उस का वो मुड़कर दोबारा देखना" परवीन शाकिर के इस शेर-सी ही है स्टोरीटेल की ओरिजिनल सीरीज़ "गुस्ताख़ इश्क़" की मिताली की कहानी. एक आधुनिक शहर में अपनी शर्तों पर जीने वाली एक लड़की की कहानी जो दुनिया की तमाम वर्जनाएं तोड़कर, हर फांसले को लांघकर इश्क़ करती है और सामना करती है उन तमाम चुनौतियों का जिसका आधुनिकता से दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं. ये कहानी जितनी मिताली की है उतनी ही रॉनित की भी, जो इश्क़ करता है और देता है पूरा पूरा साथ अपनी इंसानी ग़लतियों के साथ. और उन तमाम लोगों की भी जिन्होंने इश्क़ और गुस्ताखियों को बनते बिगड़ते देखा. इस बार के पॉडकास्ट में सुनिये हमारी होस्ट इला जोशी की बातचीत इसे लिखने वाली इरा टाक और अपनी आवाज़ से सजाने वाले विजय विक्रम सिंह और नेहा गार्गवा के साथ. स्टोरीटेल की ये ख़ास पेशकश सुनने के लिए [यहाँ](bit.ly/2V7qoZv) क्लिक करें. और स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए [यहाँ](bit.ly/2W6PeKn).

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