क्या युवा पीढ़ी हिंदी से दूर चली गयी है? या चली गयी थी लेकिन फिर लौट रही है? वाणी प्रकाशन की युवा निदेशक अदिति माहेश्वरी इस बातचीत में बता रही हैं कैसे उनको कॉलेज में यह लगा कि उनकी उम्र के लोग हिंदी की दुनिया से अनजान थे. यह इक्कीसवीं शताब्दी का पहला दशक था. लेकिन फिर धीरे धीरे हिंदी की दुनिया उन तक कुछ कुछ पहुँची और उनका भाषा से जुड़ना शुरू हुआ. अदिति हिंदी प्रकाशन की दुनिया में सक्रिय थोड़ी-सी स्त्रियों में से एक हैं और इस बातचीत में वह बता रही हैं कि कैसे उन्होंने ख़ुद को इस भूमिका के लिए तैयार किया, कैसे उनके लिए किताबों से भरे दफ़्तर में हर दिन एक नयी चुनौती ले कर आता है. वे बता रही हैं हिंदी में इधर क्या हो रहा है, और चर्चा कर रही है वाणी की उन किताबों की भी जो अब स्टोरीटेल ऑडियो बुक्स के रूप में उपलब्ध हैं. स्टोरीटेल पर उपलब्ध वाणी प्रकाशन की पुस्तकें आप यहाँ (storytel.com/in/en/tags/5496-Best-of-Vani-Prakashan) सुन सकते हैं. स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ (storytel.com/hindi) जाएँ.
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