किसी भी रिश्ते की मज़बूत बुनियाद के लिए दिन और रात दोनों पहर की हवा अहम हैं। दोनों पहर की हवा पर पूरी तरह ये निर्भर करता है कि आपसी रिश्ते की आँच कितनी तेज़ है या कितनी कम! मगर इस दौर में किसी के हिस्से पूरी तरह दिन नहीं आता तो किसी की रात अधूरी रह जाती है। और अमृता के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ! अमृता को भी जब ये एहसास हुआ कि उसकी रातें अधूरी रह जा रहीं तो उसने हिम्मत कर के ये सच अर्पण को बता दिया। मगर इस बात का अंदाज़ा नहीं लगा पायी कि इससे आगे क्या होगा? सुनिए अधूरी रात की पूरी कहानी।
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