कोई खटखटा रहा था उसके ज़हन के दरवाज़े पे… आवाज़ें जो सिर्फ़ वो सुन पा रहा था, सपने जो सिर्फ़ वो देख पा रहा था, सरसराहट जो सिर्फ़ वो महसूस कर पा रहा था… उस अतीत में जहाँ बरसों से उसका इंतज़ार था. रजत अपनी नयी नवेली दुल्हन के साथ अपने नए घर मे प्रवेश करता है, और वहाँ से शुरू होता है एक ऐसे भय का क्रम जिससे निकल पाना असम्भव सा लगने लगता है. He could hear the knocking, but no one was behind the door. He could hear voices, see nightmares, feel a presence behind him... in the dark ruins of the past it had been waiting for him. Rajat enters his new house with his new bride, only to find himself get trapped in an unending string of moments of dread.
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