पठनीयता के बल पर हिंदी उपन्यास को ख्याति और प्रतिष्ठा दिलानेवालों में अमृतलाल नागर का नाम अग्रणी है ! कई पीढ़ियों ने उनकी कलम से निकले ह्रदयग्राही कथा-रस का आस्वाद लिया है ! कथा-साहित्य के कई अविस्मरणीय चरित्रों की सृष्टि का सेहरा भी नागरजी के ही सिर बंधा है ! डॉ. रामविलास शर्मा ने लिखा, "हिंदी के कुछ लेखक मार्क्सवाद पर पुस्तकें भी लिख चुके हैं लेकिन उनके पात्र वैसे सजीव नहीं होते, जैसे गांधीवादी लेखक अमृतलाल नागर के सेठ बांकेमल या बूँद और समुद्र की ताई ! इसका कारण यह हे कि मार्क्सवाद या गांधीवाद ही किसी लेखक को कथाकार नहीं बना देता ! कथाकार बनने के लिए मार्मिक अनुभूति आवश्यक है जो जीवन के हर पहलू को देख सके ! सामाजिक जीवन की जानकारी ही न होगी तो दृष्टिकोण बेचारा क्या करेगा ?" लखनऊ के नागर, मध्यवर्गीय सामाजिक जीवन का अन्तरंग और सजीव चित्रण करनेवाला यह उपन्यास हिंदी उपन्यास-परम्परा में एक कालजयी कृति माना जाता है !
Dieser Download kann aus rechtlichen Gründen nur mit Rechnungsadresse in A, D ausgeliefert werden.