साहित्य-सियासत के जाने-पहचाने, सम्मानित नाम "श्री मुख़्तार अब्बास नक़वी" के नये उपन्यास "साइबर सुपारी", में देश-दुनिया में चल रहे "साइबर सिंडीकेट" और उसके पीछे के "साजिशी क्राईम काक़स" की परत-दर-परत को बहुत ही गहराई-गम्भीरता के साथ रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। लेखक की यह शानदार-जानदार रचना "साइबर सुपारी" नये तेवर-नये फ्लेवर के साथ ही हमें हर दिन परोसी जा रही "साजिशी साइबर सामग्री" के चक्रव्यूह में जकड़ने वाले "सोशल मीडिया के खतरनाक एन्टी सोशल चरित्र" से भी रूबरू करा रहा है।
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