यह पुस्तक धीरूभाई की जीवनी नहीं है ना ही उनके अमीर बनने या बिजनिस का इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा करने की कहानी है. यह पुस्तक है उन अंतर्दृष्टियों के बारे में जो धीरूभाई ने इस पुस्तक के लेखक ए.जी. कृष्णमूर्ती के साथ साझा की थीं. ए. जी. कृष्णमूर्ती और धीरूभाई का लम्बा साथ रहा. यह 15 धीरूभाईज़्म हमें उस अनोखे व्यक्ति के सोचने की प्रक्रिया और दर्शन के बारे में बताते हैं जो भारत का सबसे बड़ा आंतरप्रेन्योर साबित हुआ. आज के स्टार्ट आप के दौर में एक ज़रूरी पुस्तक.
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