हिल हाउस - श्वेता अपने बॉयफ्रेन्ड, समर्थ के साथ अपने दादा सूर्यदेव राजवंशी का 75th बर्थडे मनाने सुनसान पहाड़ी पर बने हिल हाउस आती है. लेकिन बर्थडे से पहले ही श्वेता और उसका पूरा परिवार एक अनजान कातिल के बिछाए जाल में फंस जाता है. शुरुआत होती है उसके चचेरे भाई, अमन की हत्या से. जल्द ही राजवंशी परिवार को अहसास होता है कि वे लोग उस नकाबपोश हत्यारे के खूनी खेल से ना खुद को बचा सकते हैं और ना ही किसी और को मदद के लिए बुला सकते हैं क्योंकि उस शातिर हत्यारे ने सड़क से लेकर फोन तक सारे कनेक्शन काट दिये हैं. अब श्वेता के पास दो ही रास्ते हैं, या तो वो कातिल के अगले वार का इंतज़ार करे या फिर उस कातिल को बेनकाब करे. क्या होगा कातिल का अगला कदम? क्या श्वेता रोक पायेगी उसे?
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