परफेक्ट ट्रैप - श्वेता को जब होश आता है. वो खुद को हत्यारे के चंगुल में पाती है. हत्यारे ने बाकी बचे लोगों को भी बंधक बना रखा है. वो हत्यारा श्वेता के सामने उसके परिवार का कच्चा चिट्ठा खोलता है, जिसे सुनकर श्वेता को लगता है कि उसकी दुनिया मानो ख़त्म हो गई है. जब वो उस हत्यारे के साथी को देखती है तो उसे यकीन नहीं होता. हत्यारे का साथी उनके बीच ही था लेकिन वो जान नहीं पाए. क्या यह हत्यारा वास्तव में वही है, जिसके होने का श्वेता को अंदेशा है? या फिर हत्यारे के आखिरी वार से पहले ये आखिरी राज़ खुलना अभी बाकी है.
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