अम्बुश: मेजर समर बड़ी शिद्दत के साथ अबू जार के फोन का इंतजार कर रहा होता है. करीब 15 दिन बाद शबनम के फोन पर जार का कॉल आता है. वो उससे प्यार और मोहब्बत की कुछ बातें करने के बाद पीरबाबा वाली टेकरी पर दो दिन बाद माहे रमजान में बुलाता है. साथ ही वो उससे इफ्तारी के लिए कुछ खाने का सामान भी लेकर आने को कहता है. समर और उसकी टीम इस बार बड़ी सावधानी के साथ उसे पकड़ने की योजना बनाती है. उनके इस हमले में अबू जार मारा जाता है लेकिन उसकी बॉडी नहीं मिलती. वहीं मेजर समर को लगता है कि यह बाज़ी अभी ख़त्म नहीं हुई है.
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