एक नया टिवस्ट्: शबनम ही अबू जार तक पहुंचने का एकमात्र मोहरा है. समर अपनी पहचान बदल कर मेजर शब्बीर शेख के रूप में उससे अपनी जान-पहचान बढ़ाता है. शबनम शब्बीर यानी समर के इश्क़ में गिरफ्तार हो जाती है और उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाती है. बस समर उसका फायदा उठाकर जार पर शिकंजा कसने की तैयारी करता है. क्या शबनम की कोई चाल है या वो वाकई समर की हेल्प करती है?
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