एक शक सबपर पुलिस के शक के घेरे में अब सुहास पाटिल भी आ जाता है जिसने केदार के नाम पर लाखों रुपये बँक से उठाये है. लाश किरण नगरकर की हो सकती है ये बात उसके सामने आते ही झूठी साबित हो जाती है । केदार का करीबी दोस्त विनोद उसके बदले रवैय्ये के बारे मे बताता है और फोन पर केदार की बदली हुई आवाज़ भी अब एक बड़ा सवाल बन जाती है.
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