कसोल गाँव की वो नदी हर साल तीन दिनों के लिए सुर्ख लाल रंग की हो जाती है. और जब नदी बदलती है अपना रंग तो गाँव की किसी कुंवारी लड़की को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. कहा जाता है कि इस गाँव पर एक डायन का श्राप है जो हर साल एक बलि लेने आती है. और उसके आने की गवाह बनती है ये लाल नदी. शहर में एक न्यूज चैनल में काम करनेवाली शुभांगी को इन बातों पर यकीन नहीं है. वो इस घटना की तह तक पहुंचने के लिए कसोल गांव आती है. क्या शुभांगी गाँव की किसी लड़की को इस श्राप की बलि चढ़ने से बचा पायेगी? आखिर क्या है इस लाल नदी का राज?
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