एक जमाना था जब किरायेदार मकान मालिक की लड़की के लिए प्रेम-उम्मीद की पहली किरण होते थे। सुमन और मनोज बाबू की प्रेमकहानी की आग इसी से लगी। वे किरायेदार बनकर सुमन के घर में रहने आए और सुमन के मुरझाए जीवन में हरियाली आ गई। आग में घी डालने का काम किया बोरोलीन ने। बोरोलीन लेते-देते दूरियाँ नज़दीकियों में बदल गई और शुरुआत हुई एक रोमांचक प्रेम कहानी की।
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