जीवन कहानी बन जाता है और कहानी जीवन। सुमन के साथ वही हुआ। उसका प्यार कुल जमा 15 चिट्ठियों और पाँच मुलाक़ातों में सिमट गया। जबकि वह समझती थी कि एक दिन वह उस गाड़ी में सवार होगी जिसके आगे पीछे लिखा रहेगा- सुमन वेड़्स मनोज। यह पूरी प्रेम कहानी अधूरी रह गई। सुमन की आकांक्षाएँ अधूरी राह गई लेकिन उसकी सहेली मधुलिका की?
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