दुर्याेधन हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्रें में सबसे बड़ा पुत्र था. दुर्याेधन स्वभाव से बड़ा ही हठी और दुष्ट था. वह पाण्डवों को सदैव नीचा दिखाने का प्रयत्न करता और उनसे ईर्ष्या रखता था. उसके स्वभाव के कारण ही 'महाभारत' का युद्ध हुआ. यह उपन्यास इस कठिन चरित्र का वृतांत है.
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