जब श्रीनि कुछ क़दम चलकर उस flat के living room में गया तो उसने देखा कि उसका दोस्त ऋषि सोफ़े के पास अपनी पीठ के बल ज़मीन पर पड़ा हुआ था. उसका मुँह कुछ खुला था और उसकी आँखें आधी खुली थीं. श्रीनि उसे आवाज़ देकर जगाने की कोशिश करने ही वाला था कि उसने देखा कि ऋषि की पीली tee-shirt लहूलुहान थी. उसे समझ नहीं आ रहा था कि एक होनहार विद्यार्थी की ऐसी क्रूर हत्या कौन और कैसे कर सकता था.
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