मुर्दहिया यह एक ऐसा उपन्यास हैं जिसमें दलित वर्ग के दुःख दर्द का विवरण किया हैं।जहाँ मानव और पशु मैं कभी फ़र्क़ न हुआँ ।ज़माना बदले फिर भी जो भी अदना पैदा हुआँ वह उस पिड़ामय लोकजीवन का हिस्सा बना।
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