एक ही झटके मे उसका सब कुछ लुट गया... बीवी, बच्चा, परिवार! बस रह गया तो एक अजीबो गरीब सच जिससे हर दिन वो जूझता रहा. अपने आप से सवाल करता रहा कि आख़िर एक ही बार में सब बिखर कैसे गया? वो भावनाओं के एक चक्रव्यूह में फँस चुका था जिससे निकलना अब नामुमकिन सा दिख रहा था. जानिए इसी गुत्थी का राज़, रामकुमार सिंह द्वारा लिखित 'मर्डर' में.
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