भारत के बँटवारे पर ख़ुशवंत सिंह का मॉडर्न क्लासिक 'ए ट्रेन टू पाकिस्तान' एक बेहतरीन अनुवाद में. 1956 में पहली बार प्रकाशित यह उपन्यास एक काल्पनिक गाँव में घटित होता है जिसमें मुस्लिम और सिक्ख रहते हैं. विभाजन की त्रासदी और मनुष्यता के पतन के बीच यह जीजिविधा
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