हम अपने घर में, बाग़ीचे में कई रंग के पेड़ पौधे और फूल लगाते हैं. फल सब्ज़ी भी उगाते हैं. सब अपनी गति से बढ़ते रहते हैं. कभी कभी ये भी होता है कि कुछ पेड़ पौधों की अच्छी तरीक़े से देख भाल करने के बावजूद उनके बढ़ने कि गति में रुकावट आ जाती है. ये वो वक़्त है जब उस पेड़ पौधे या फूल के साथ एक ख़ास बात चीत की जाए. यू समझिए जैसे हम इंसानों को मानसिक रख रखाव की ज़रूरत है, ठीक वैसे ही हमारे बीजों को भी मानसिक स्तर पर लाड़ प्यार करने की ज़रूरत है. चलिए इन पेड़ पौधों के मानसिक स्वास्थ्य को टटोला जाए और उनसे बात चीत करके उनसे एक रिश्ता क़ायम किया जाए. पौधों से बात चीत एक ध्यान श्रृंखला है जिसके तीन भाग हैं.
Dieser Download kann aus rechtlichen Gründen nur mit Rechnungsadresse in A, D ausgeliefert werden.