हिंदी में गाँव देहात के मन को, उसकी ज़िंदगी के दुःख और सुख को गहरी करुणा और कला से अभिव्यक्त करने वाली यह कहानियाँ हिंदी की विरासत हैं. तीसरी क़सम और रसप्रिया में अप्रतिम कथाकर फणीश्वरनाथ रेणु ने जिस बारीकी और लगाव से आम मनुष्यों के असाधारण कहानियाँ कही हैं वह दुर्लभ है.
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