धरती और आकाश की तरह, अग्नि और वर्षा की तरह, प्रेम और करुणा की तरह , गाँव और नगर की तरह केदारनाथ सिंह की कविता में शब्द और अर्थ हैं. उनके अपने शब्दों में वह काशी की तरह है, सभ्यता की स्मृति, उसका जीवन और उसकी समीक्षा. ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित और देश विदेश की अनेक भाषाओं में अनूदित केदारनाथ सिंह भारतीय सभ्यता और काव्य का उजला नक्षत्र है.
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