गुनगुनी धूप- राहुल के पागलपन से बचने के बाद त्रिशा नए शहर में एक नई शुरुआत करती है. विक्रांत और त्रिशा एक दूसरे से काफ़ी दूर हो चुके होते हैं. त्रिशा सब कुछ भूल कर अपने करियर में बिजी हो जाती है. एक फैमली फंक्शन में कई महीनों बाद उसका विक्रांत से मिलना होता है और उसके दिल में उदासी भर जाती है, क्या ये मुहब्बत है?
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