कई बार अकेलापन बहुत बोझिल हो जाता है... वो ज़िंदगी के रंग चुराने लगता है. कुछ ऐसा ही विक्रान्त और रायना के साथ है. वो दोनों प्रोफेशनल फ्रन्ट पर सक्सेसफुल हैं लेकिन एक खालीपन, रोमांस और सेक्स की कमी उनको अंदर ही खाये जा रहा है. रातों को उनका ये अकेलापन कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है. और तभी एक खूबसूरत इत्तेफाक से ये दोनों एक शाम एक होटल में टकराते हैं. सुंदर और सेक्सी रायना को देखकर जहाँ विक्रान्त का तन-मन बेकाबू होने लगता है वहीं रायना भी उसकी नीली आँखों में डूबने को बेकरार हो उठती है. वे दोनों चाहकर भी जिस्म की लज्जतों को रोक नहीं पाते हैं... और फिर आती है एक यादगार रात जिसका दोनों जन्मों से इंतज़ार कर रहे थे.
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